Monday, January 21, 2008

प्रभु अजि गमला, मनी तोषला

 
एक मराठी नाट्य गीत, पंडित कुमार गन्धर्व की आवाज़ में सुनिए|

प्रभु अजि गमला, मनी तोषला ॥ 
कोपे बहु माझा । तो प्रभुराजा ।
आता हासला । मनी तोषला ॥
मृतचि हृदय होते नाथ, हे पूर्ण झाले ।
परि वचनसुधेने त्यासि जिवंत केले ॥
अमृतमधुर शब्द त्या पुन्हा ऐकण्याते । 
श्रवणि सकल माझी शक्ति एकत्र होते ॥

a marathi natya-geet - prabhu aji gamala, mhane thoshala... beautifully rendered by pandit kumar gandharv<-->

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